नए गृह प्रवेश की विधि व प्रक्रिया

नए गृह में प्रवेश की विधि

पूजन सामग्री- कलश, नारियल, शुद्ध जल, कुमकुम, चावल, अबीर, गुलाल, धूपबत्ती, पांच शुभ मांगलिक वस्तुएं, आम या अशोक के पत्ते, पीली हल्दी, गुड़, चावल, दूध आदि।
गृह प्रवेश की सरल विधि
घर में किसी शुभ मुहूर्त में प्रवेश करना चाहिए। मंगल कलश के साथ सूर्य की रोशनी में नए घर में प्रवेश करना चाहिए।
घर को बंदनवार, रंगोली, फूलों से सजाना चाहिए। मंगल कलश में शुद्ध जल भरकर उसमें आम या अशोक के आठ पत्तों के बीच नारियल रखें। कलश व नारियल पर कुमकुम से स्वस्तिक का चिन्ह बनाएं। नए घर में प्रवेश के समय घर के स्वामी और स्वामिनी को पांच मांगलिक वस्तुएं नारियल, पीली हल्दी, गुड़, चावल, दूध अपने साथ लेकर नए घर में प्रवेश करना चाहिए। भगवान गणेश की मूर्ति, दक्षिणावर्ती शंख, श्री यंत्र को गृह प्रवेश वाले दिन घर में ले जाना चाहिए। मंगल गीतों के साथ नए घर में प्रवेश करना चाहिए। पुरुष पहले दाहिना पैर तथा स्त्री बांया पैर बढ़ा कर नए घर में प्रवेश करें। 
कलश स्थापना-
कलश के साथ घर में प्रवेश के बाद गणपति के ध्यान और गणेश मंत्रों के साथ घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा जहां मिलती हैं) में या घर के मंदिर में स्थापित कर दे। कलश को थोड़े चावल रखकर उन स्थापित करना चाहिए। 
रसोई की पूजा-
किचन में गैस चूल्हा, पानी रखने के स्थान और स्टोर की जगह धूप, दीपक के साथ कुमकुम, हल्दी, चावल आदि से पूजन कर स्वस्तिक चिन्ह बना देने चाहिए। पहले दिन रसोई में गुड़ व हरी सब्जी रखना चाहिए। चूल्हे पर दूध उफानना चाहिए। कोई मिठाई बनाकर उसका भोग लगाना चाहिए। हलुआ या लापसी बनाई जा सकती है। घर में बनाया भोजन सबसे पहले भगवान को भोग लगाएं। गौ माता, कौआ, कुत्ता, चींटी आदि के निमित्त भोजन निकाल कर रखें। पहले दिन अपने परिवार, मित्रों के साथ ब्राह्मण भोजन कराएं। अगर संभव ना हो तो एक ब्राह्मण को भोजन करा दें।

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